Tuesday 16 April 2013

बजरंगबली


ज्ञान सदैव रहा मन खोज बता मुझको वह कौन गली
दुर्गम जीवन है, लड़ता कितना युग से, कलिकाल छली
मै भव सागर पार करूँ किस भांति मिले वह नाव भली
नीर भरे दृग में यह दास सुनो अब तो बजरंगबली
रचनाकार
डॉ आशुतोष वाजपेयी
लखनऊ

2 comments:

  1. बहोत सुंदर संग्रह!! आप का काव्य पृष्ठ सुंदर प्रेरणादायक और हिंदी साहित्य का स्तम्भ है!!

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  2. neelima creations ko bahut bahut dhanyavaad

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