Friday 19 April 2013

लगा कि चोर हो गई


माक्षिका सदा पवित्र ही कही गई परन्तु पश्चिमी प्रभाव में अशुद्ध घोर हो गई
कालचक्र  भारतीय टूटने लगा कि मित्र अर्धरात्रि में सुनो नवीन भोर हो गई
आर्य भू  महापराक्रमी सदा रही अतीव  किन्तु आज दीर्घसूत्रिता अछोर हो गई
वाक्य रक्षणार्थ प्राण त्याग की परम्परा न सूर्यवंश में दिखे लगे कि चोर हो गई
रचनाकार
डॉ आशुतोष वाजपेयी
लखनऊ

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