डॉ. आशुतोष वाजपेयी का काव्य संग्रह
Tuesday 16 April 2013
विलम्ब न और करो
रसना पर वास करो मुझको वर दो हर संकट आज हरो
नित नूतन छन्द सुमाल सजा मम लेखन में तुम नित्य भरो
यह अक्षम पुत्र सुनो जननी मुख में निज हस्त प्रसाद धरो
दृग बिन्दु भरे पद क्षालन को अब अम्ब विलम्ब न और करो
रचनाकार
डॉ आशुतोष वाजपेयी
लखनऊ
2 comments:
Dr.Madhoolika Tripathi
17 April 2013 at 23:47
मात्रशक्ति को समर्पित अद्भुत रचना, साधुवाद
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Unknown
18 April 2013 at 06:41
abhaar dr madhulika
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मात्रशक्ति को समर्पित अद्भुत रचना, साधुवाद
ReplyDeleteabhaar dr madhulika
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