Sunday 28 April 2013

पूर्ण चीन भारती का हो गया


चीन की घुस पैठ पर दो घनाक्षरी....स्नेह का आकांक्षी हूँ

मूर्ख क्या प्रधान देश का कि दे रहा बयान' दो न ध्यान ताल ठोंक चीन जो खड़ा हुआ
त्याग दो समस्त आन बान शान स्वाभिमान, अर्थ तो यही, स्वराष्ट्र लाज से गड़ा हुआ
राष्ट्र द्रोह के प्रमाण और भी मिले अनेक, किन्तु द्रोह साम्य अन्य भी कभी बड़ा हुआ
रक्त खौलने लगा, अपार क्रुद्ध देश आज, शत्रु शीश काट क्यों न फैसला कड़ा हुआ

भारतीय राजनीति का चरित्र देख आज चीन का प्रवेश राष्ट्र स्वाभिमान धो गया
लूटती चली गई हमें कुनीति और मित्र भारतीय आर्यवीर शक्ति भूल सो गया
जाग बगलामुखी जगा स्वदेश रक्त अम्ब खोज धूमावती राष्ट्र भाव कहाँ खो गया
धार के सहस्त्र हाथ में सहस्त्र ब्रह्म अस्त्र घोष हो कि पूर्ण चीन भारती का हो गया
रचनाकार
डॉ आशुतोष वाजपेयी
ज्योतिषाचार्य, लखनऊ

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