एक सिंहावलोकन छन्द
छलके ममत्व पुत्र को मिले कवित्व शक्ति, शारदे! प्रसाद रूप छन्द मिलें ढल के
ढल के न सूर्य भी प्रकाश दे, कि मृत्यु पूर्व- चाह पूर्णता मिले भले मिले मचल के
चल के तुरन्त ही समीप आओ अम्ब आप, बुद्धि मरुभूमि में प्रसून हों कमल के
मल के अनेक दिव्य लेप आत्म कोश मध्य, रोम रोम से सनातनी प्रभाव छलके
रचनाकार
डॉ आशुतोष वाजपेयी
ज्योतिषाचार्य
लखनऊ
छलके ममत्व पुत्र को मिले कवित्व शक्ति, शारदे! प्रसाद रूप छन्द मिलें ढल के
ढल के न सूर्य भी प्रकाश दे, कि मृत्यु पूर्व- चाह पूर्णता मिले भले मिले मचल के
चल के तुरन्त ही समीप आओ अम्ब आप, बुद्धि मरुभूमि में प्रसून हों कमल के
मल के अनेक दिव्य लेप आत्म कोश मध्य, रोम रोम से सनातनी प्रभाव छलके
रचनाकार
डॉ आशुतोष वाजपेयी
ज्योतिषाचार्य
लखनऊ
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