Tuesday 24 September 2013

शिरोधार्य है

एक छन्द मन्दारमाला........
आशीष देते रहे वो सदा पूर्वजों का यही पुण्यदा कार्य है
कल्याण की चाह ही वे करें देख लो चित्त का बन्धु औदार्य है
सम्मान के पात्र वे हैं सदा ये सिखाता नहीं एक आचार्य है
जानो सदा वेद आदेश को जो  तुम्हारे लिए ही शिरोधार्य है
रचनाकार
डॉ आशुतोष वाजपेयी
ज्योतिषाचार्य
लखनऊ