Monday 9 December 2013

शत वन्दित है

भारतीय नागरिकों को जीत की हार्दिक बधाई देते हुए एक गीत के दो बन्द प्रस्तुत हैं--

विजय पताका गगन चूमती हुई आज अभिनन्दित है
इसीलिये तो सदा भारती पूजित है शत वन्दित है

दारुण कष्ट सहे इस धरती ने पिछले दस वर्षों में
हार गया जन जन था मन तब लगा नहीं संघर्षों में
तभी अस्त्र आ गया हाथ में मतरूपी फौलादी था
पटक दिया तुमने उसको जो दमन नीति का आदी था

पुष्प खिला है आज कमल भूमण्डल हुआ सुगन्धित है
इसीलिये तो सदा भारती पूजित है शत वन्दित है

महंगाई पर अंकुश सबसे पहली मांग हमारी है
अनुच्छेद विघटनकारी की अब हटने की बारी है
एक नियम क़ानून सभी के लिए मान्य करना होगा
अम्ब भारती का हर संकट इसी भाँति हरना होगा

सुनो इसी के हेतु प्रजा ने किया तुम्हे अनुबन्धित है
इसीलिये तो सदा भारती पूजित है शत वन्दित है

अड़चन सभी समाप्त करो अब तुम मन्दिर की नींव धरो
राजनीति के केन्द्र बिन्दु मोदी तुम आज उठो बिफरो
जन जन का सैलाब तुम्हारे साथ कि भगवा थाम चलो
एक बार फिर सनातनी तप की धारा में वीर जलो

भारत माँ को गर्व बड़ा सुत उनका महिमामण्डित है
इसीलिये तो सदा भारती पूजित है शत वन्दित है
रचनाकार
डॉ आशुतोष वाजपेयी
ज्योतिषाचार्य
लखनऊ